detox body naturally in Hindi

Health Tips : Detoxification cause and solutions – in Hindi

  आज हम बात करेंगे कि हम अपने बॉडी के अंदर जमा टॉक्सिंस यानी गंदगी को कैसे निकाल सकते हैं। जैसी ही बॉडी में से टॉक्सिंस निकालेंगे। बॉडी को अंदर से साफ करेंगे तो आपका वजन अपने आप कम होने लगेगा स्किन साफ हो जाएगी और पहले से बहुत ज्यादा एनर्जी महसूस होगी। 

सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि जब आप कुछ खाते हैं तो उसका बॉडी में जाकर होता क्या है। पहले तो खाना आपके पेट में जाता है जहां पर वो टूटता है। फिर आपकी आंतो में और आखिर में  अवशेष बनकर बॉडी से बाहर निकल जाता है। 

लेकिन क्या आपको लगता है कि हर खाने को साइकिल को पूरा करने में सेम टाइम लगता है। नहीं, फलों को गुजरने में लगते हैं लगभग 3 घंटे, 1 घंटा आपके पेट में एक घंटा की छोटी आंत में और एक घंटा की बड़ी आंत में।

 सब्जियों को लगते हैं लगभग 6 घंटे। क्या आप जानते हैं कि अन्न, जैसे कि रोटी चावल दालो को कितना टाइम लगता है? लगभग 18 घंटे। जिस खाने में पानी जितना कम होता है। उसको बॉडी से निकलने में उतना ही ज्यादा समय लगता है। 

अब अन्न को पचने में लगते हैं लगभग 18 घंटे। तब तक इनमें से ज्यादातर लोग तो दिन में तीन चार बार खा रहे हैं। पहले वाला पचा नहीं हमने ऊपर से और डाल दिया। और सामान्यत: पहले वाला खाना बॉडी से अवशेष के रूप में बाहर नहीं निकलता। औऱ अंदर सड़ता है वायरस फंगस और कीड़े पैदा करता है।

आप लोगों के पेट में कीड़े मिलने वाली स्टोरी सुनी हो। ऐसा तो नहीं कि उन लोगो ने कीड़े खाये तो वो कीड़े वहां तक कैसे पहुंचे। असल मे वो अंदर सड़ रहे ना पचे हुए खाने से पैदा होते हैं। आपने सुना होगा कि You are what you eat, पर सच्चाई तो यह है You are what you ate.

जो बर्गर हमने 1 साल पहले खाया था, क्या पता वह अभी भी अंदर पड़ा सड़ रहा हो। चीजें जैसे ब्रेड चीज नमकीन बिस्किट चाय कॉफी या वो हर चीज जो प्रकृति से सीधा सीधा नहीं मिलती। उसे पचाना और बाहर निकालना बॉडी के लिए बहुत मुश्किल होता है। वह हमारी आंत मे चिपक जाता है। मोटी परत बना लेता है। हमारी आंत कुछ ऐसी दिखती है।

 उस पर हजारों छोटे-छोटे उंगलियों से उभार होते हैं जिसे हम विलाइ कहते हैं। अंदर दीवारों पर जो भी लगा होता है यह विलाय उसको अपने अंदर सोख लेते हैं और खून में भेज देते हैं और ब्लड के जरिए वह बॉडी के हर अंग में पहुंच जाता है।

 अगर आंत की दीवार पर गंदगी जमी होगी तो जाहिर सी बात है कि विलायक गंदगी को ही सोखेंगे। फिर गंदगी बॉडी के अलग-अलग अंगों में पहुंचकर उनके काम को डिस्टर्ब करती है और उसे हम कह देते हैं बीमारी।

 अगर ये गंदगी हमारी स्किन में जम जाती है तो हम उसे कह देते हैं एक्ने, एक्जिमा। अगर ये स्टोन बन के गुर्दे या ब्लैडर मे जम  जाती है तो हम कहते हैं पथरी।

 ऐसे ही मोटापा या वजन कम करना है तो अंदर से गंदगी को निकालना होगा। अगर ये खून को भारी कर देती है और हार्ट को ब्लड को पम्प करने के लिए ज्यादा प्रेशर लगाना पड़ता है तो हम कहते हैं हाई ब्लड प्रेशर। अगर ये आंतो मे जम जाती है तो हम कहते हैं कब्ज।औऱ  कब्ज सभी बीमारियों की जड़ है।

 अगर ये हमारी श्वासनली मे जम जाती है तो हम कहते है अस्थमा। अगर ये हमारी धमनियों मे जम जाती है तो हम इसे कहते है कोलेस्ट्राल।

आज ये भले ही एक छोटी सी बीमारी बन कर बैठी हो। अगर हमने उसको साफ नहीं किया तो कल को यह बहुत खतरनाक बीमारी बनकर बाहर आ सकती है।जैसे – कैंसर, ट्यूमर।

जब आप इस गंदगी को बाहर निकालेंगे तो सारी बीमारियां अपने आप ठीक हो जाएंगी क्योंकि जो शरीर अंदर से साफ है उसमें कोई बीमारी हो ही नहीं सकती।

 हमारी बॉडी में प्रकृति की एक बहुत कीमती गिफ्ट है। जो थोड़े दिन बाद प्रकृति को वापस कर देंगे। तो जब तक यह हमारे पास है हमारा कर्तव्य है हम इसे साफ और स्वस्थ रखें जैसा उन्होंने इसे हमारे लिए बनाया है।

 मान लीजिए एक गाड़ी है जो पेट्रोल के लिए बनी है। अगर आप उसके टैंक में पेट्रोल की जगह डीजल डालेंगे तो क्या वो चलेगी? नही, तो पहले आपको डीजल को निकालना होगा और फिर पेट्रोल डालना होगा। ऐसे ही हमारी बॉडी के साथ भी है। वह बनी  इसके लिए।

 लेकिन हमने डाल दिया ये।

 तो कैसे चलेगी? तो पहला स्टेप है। गंदगी को निकालना और फिर सही खाना अंदर डालना। अभी हम सिर्फ स्टेप वन की बात करेंगे।

 पहली चीज जो आपको शुरू करनी है वह है 16 घंटे उपवास। अब आप उपवास का नाम सुनकर डर मत जाना। मेरा आपसे प्रॉमिस है कि मुश्किल नहीं होगा जो शक्ति आपके अंदर से गंदगी टॉक्सिन को निकालेगी, बीमारी ठीक करेगी, वजन को कम करेगी। वह शक्ति आपकी बॉडी के अंदर ही बैठी है। ना की किसी दवाइयो या इंजेक्शन में।

जो डाॅक्टर आपको ठीक करेगा, वो आपके अंदर ही बैठा है।और उपवास करने से आप उसको अपना काम करने का मौका देते हैं और इसका प्रूफ है जब आप की हड्डी टूटी है तो उस पर प्लास्टर लगता है। उसे एक जगह स्थिर रखने के लिए उसे आराम देने के लिए थोड़े दिनो बाद वह खुद ब खुद जुड़ जाती है। ऐसा तो नहीं कि उस प्लास्टर मे कोइ दवाई है।

तो वो कौन सी शक्ति है जो उस हड्डी को जोड़ती है, वह है आपकी प्राणशक्ति, मतलब आपकी हीलिंग पावर।

यह बहुत पावरफुल है। अगर यह हड्डी जोड़ सकती है तो क्या यह पथरी को नहीं तोड़ सकती। क्या यह अंदर जमी गंदगी नही निकाल सकती। सारी बीमारियां ठीक कर सकती है।

 क्योकि प्राणशक्ति को नही पता कि बीमारी का क्या नाम है।वो जब अपना काम करती है तो अपना सब कुछ ठीक कर देती है। चाहे बीमारी कहीं भी हो और कितनी भी पुरानी क्यो न हो।

आइये इसका काम करने का तरीका जानते हैं। – 

 प्राणशक्ति एक बार में एक ही काम ढंग से कर सकती है। 1. खाने को पचाने का काम यानी डाइजेशन का काम या फिर 2.  इलाज यानी हीलिंग का काम।

 हम प्राणशक्ति को हीलिंग करने का मौका ही नहीं देते। हम उसे हमेशा डिस्टर्ब करते रहते हैं। पता है कैसे – हमेशा खाते रहने से। जैसे ही हम कुछ खाते हैं। प्राणशक्ति हीलिंग का काम रोक देती है और पचाने का काम शुरु कर देती है। हम हमेशा ही खाते रहते हैं। रात में हमने खाए थे फिर वो पचा नही टोस्ट ब्रेड और खा लिए वो पचा नही के जस्ट सामने चावल और दाल फिर से खा लिए।

हमारी हीलिंग पावर दिन में 24 घंटे हफ्ते में 7 दिन खाना ही पचाती रहती है और हीलिंग का टाइम ही नहीं मिलता।

 अगर आप चाहते हैं कि प्राणशक्ति हीलिंग करें। आपको समय-समय पर पाचन को ब्रेक देना होगा। हम सुझाव देंगे कि आप रोज रात 16 घंटे का ब्रेक दें। 

मान लीजिए अपने डिनर रात को 8:00 बजे खाया तो अगले दिन दोपहर! 12:00 बजे तक कुछ मत खाइए। 12:00 बजे आप अपने दिन का पहला सॉलिड मील लीजिए तब दिन में 16 घंटे उपवास कर रहे हैं और 8 घंटे के अंदर अंदर खा रहे हैं।

इसको कहते हैं 16 घंटे उपवास। दोपहर 12:00 बजे से पहले जूस ले सकते हैं।जैसे पानी नारियल पानी पी सकते हैं, लेकिन कॉफी या दूध फलों का जूस बिल्कुल नहीं लेना है।

सुनने में जितना मुश्किल लग रहा है उतना है नहीं क्युकी आप 16 में से काफी घंटे सो रहे होते हैं।

प्रकृति ने बॉडी को टाइम टाइम पर फास्टिंग करने के लिए ही बनाया है। हमारे पूर्वजों के पास कभी कभी उन्हें खाने को कुछ भी नहीं मिलता था और वह बिना खाए रहते थे क्योंकि हमारी बॉडी समय-समय पर फास्टिंग के लिए व्यवस्थित है। 

अजीब तो यह है कि हम दिन में ज्यादातर समय खाते ही रहते है। 

आपको दिन में कौन से 16 घंटे उपवास करना है, वह आपकी मर्जी है।हो सकता है कि दोपहर 12:00 बजे तक कुछ ना खाना आपके लिए जरा मुश्किल है, लेकिन आपको दिन का आखिरी खाना आज शाम 6:00 बजे खाने में कोई प्रॉब्लम ना हो।

ऐसे में आप शाम 6:00 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 10:00 बजे तक उपवास करें। अगर आप जॉब करते हैं और आप डिनर रात को 9:00 बजे लेते हैं तो कम से कम इतना तो कीजिए कि अगले दिन दोपहर 1:00 बजे तक कुछ सॉलिड मत खाइए। ऐसे रोज 16 घंटे उपवास के थ्रू प्राणशक्ति को थोड़ी हीलिंग का टाइम रोज मिलता है। 

अगर आपको 16 घंटे बहुत ज्यादा लगते हैं तो कोई बात नहीं। आप 14 घंटे बाद से शुरुआत कीजिए। धीरे-धीरे उसको 16 तक लेकर जाएंगे। कोई बात नहीं। 12 घंटे उपवास तो शायद आप अभी भी कर रहे हो। मान लो आपने डिनर रात को 8:00 बजे खाया और अगले दिन दोपहर 12:00 बजे। आपका डिनर अगर हल्का है तो करीब 6 घंटे में पच जाएगा। 

तो रात 8 बजे से लेकर सुबह 2 बजे तक आपके पचाने की क्रिया चल रही है मतलब पचाने के घंटे।

 जैसे ही खाना डाइजेस्ट हो जाता है। प्राणशक्ति हीलिंग शुरू कर देती है। अगले 10 घंटे आपके हीलिंग आवर होंगे यानी इलाज के घंटे।

 इस दौरान आपकी प्राणशक्ति टिशूज को रिपेयर करती है। स्किन से पुराने दाग धब्बों को दूर करती है।

 डेड सेल्स को बदलती है। 

स्टोन यानी पथरी को निकालती है। 

फैट को घटाती है।

 हॉरमोन को सही करती है।

 आंत में जमी गंदगी को हटाती है।

स्वाष्नली में से म्यूकस, उसको साफ करती है।

 कोलेस्ट्रॉल को निकालती है।

 उपवास के दौरान अच्छी प्राणशक्ति हर अंग की गहराई में जाकर वहां पर एक टॉक्सिंस या गंदगी को उठाकर स्टुल यूरिन स्वेट और ब्रेथ के जरिए बाहर फेंकती है। 

एक बात का ध्यान रखिएगा। आप का शाम का डिनर हल्का होना चाहिए। हम कहते हैं कि आप रात को सिर्फ सलाद या सूप खाएं। अगर कुछ भारी खा लेते हैं जैसे चपाती चावल या दाल तो उसको पचने के लिए ज्यादा टाइम लगेगा और प्राण शक्ति को हीलिंग आवर नहीं मिलेंगे। हम आपको यह डाइट का सुझाव देना चाहते हैं सुबह उठने के थोड़ी देर बाद जूस लीजिए जैसे कि नारियल पानी या सबसे अच्छा सफेद पेठे का जूस।

 यह नहीं हो तो किसी भी सब्जी का जूस पी ले। 

फिर 2 घंटे बाद नाश्ते में एक बड़ी प्लेट मौसम के कोई भी फल लीजिए।

फिर लंच में आप अन्न के सकते हैं जैसे सादी सब्जी या डाल चपाती और चावल।ध्यान रहे अन्न कम सब्जी की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए।

फिर डिनर में आप सूप या सलाद के सकते हैं।

बीच में भूख लगे तो नारियल पानी जूस या फल इस्तेमाल करें।

 एक बात का ध्यान रखना यह बहुत ज्यादा मत खाना। यह नहीं सोचना के अरे मैं तो इतना हेल्दी खा रहा हूं तो कितना भी खा सकता हूं। टेबल पर उठने से पहले पेट में थोड़ी जगह हमेशा खाली छोड़ना। 

आप की बीमारी कितनी जल्दी ठीक होती है,यह इस पर निर्भर करता है कि आप बॉडी को कितने हीलिंग आवर देते हो।

 अगर आप रोज 16 घंटे उपपास कर रहे हैं तो 1 हफ्ते में आपने दिया 112 हिलिंग आवर। 1 महीने में आपने दे दिया करीब 450 हिलिंग आवर। 3 महीने में 1500 हिलिंग आवर।

और 1500 हीलिंग आवर से वह सभी बीमारियां जैसे पीसीओडी थायराइड हाई ब्लड प्रेशर जड़ से ठीक हो सकती है। अगर आपकी उम्र कम है तो आपको इससे भी ज्यादा कम समय लगेगा क्योंकि बच्चों में प्राणशक्ति और भी ज्यादा होती है। 

बस डाइट को फॉलो करना मत भूलिएगा।

  दूसरी चीज जो आप को शुरू करनी है वो है एनेमा।

क्योंकि हम रोज बाथरूम में जा रहे हैं तो जरूरी नहीं कि हमारी आंत साफ है। मान लीजिए। आप 30 साल के हैं। क्या आपने कभी 30 साल पुराने घर के प्लंबिंग पाइप देखी है?उसमे से रोज पानी और गंदगी गुजर रही है, लेकिन 30 सालों के बाद उसकी दीवार पर इतनी गंदगी जमा हो जाती है कि किसी भी चीज का गुजरना मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही कुछ हमारे साथ है।हर रोज हमारी आंत में और ज्यादा गंदगी जमा हो रही है। हमें कुछ ऐसा चाहिए जो इस गंदगी की कड़ी जमी परत को सीधा पिघला सकें।

 ये वैसे ही है जैसे हमारे बर्तनों में चिपक जाती है, हम उसे कैसे निकालते हैं पानी में भिगोकर।

 उचित समय दिया जाए तो पानी लगभग हर चीज को घोल सकता है। तो अब हम अपनी आंत में पानी कैसे लें, एनेमा से।

इसको 2-3 बार पानी से धो लें। फिर एनिमा पॉट में 200 से 300 ml साफ पानी भर लीजिए। इसको लेने की सही जगह है आपका बाथरूम, पाइप की टिप पर थोड़ा नारियल का तेल लगा लीजिए। फिर इसको किसी ऊंचे सेल्फ पर रखे, पॉट कमर से ऊंचा होना चाहिए।

जमीन पर घुटनों के बल उल्टा लेट जाइए और पाइप 2 इंच मलाशय के अंदर डाल दे। एक हाथ से पाइप को पकड़े रखे ताकि पानी बाहर ना गिरे। जल्दी ही पानी एनिमा पॉट से खाली हो कर आंत में भर जाएगा। पाइप को बाहर निकाल ले और पानी को करीब 10 मिनट तक अंदर रोक करके रखिए।

बीच में थोड़ा टहलते रहे, अपने पेट की मसाज करते रहें ताकि गंदगी अंदर अपनी जगह छोड़ने लगे। जब आपको बाथरूम जाने का प्रेशर हो तो बाथरूम जाइए और देख कर हैरान हो जाएंगे कि अंदर कितनी गंदगी कितने टॉक्सिंस जमे पड़े थे। यह बिल्कुल सुरक्षित है। अनसेफ तो यह है कि हम सारे टॉक्सिंस को अपने अंदर सारा दिन लेके घूमते रहते हैं।

 मुझे इसके बारे में पहले पता लगा तो मैंने अपने गुरु से कहा, मैं आपकी हर बात मान लूंगी। लेकिन मैं एनिमा कभी नहीं करूंगी। लेकिन मेरा विश्वास कीजिए। सिर्फ एक बार इसको लेने के बाद यह बिल्कुल नॉर्मल लगने लगा। जब हम दांत ब्रश करते हैं तो हम यह नहीं सोचते कि छी, मैं नहीं दांत ब्रश करूंगी क्योंकि वो कितने गंदे हैं।

तो हम अपनी आंतो के बारे में ऐसा क्यों सोचे। सबसे अच्छा तो है कि एनेमा खाली पेट ले सुबह पेट साफ होने के बाद अगर सुबह नहीं ले पाते तो दिन में कभी भी ले लीजिए। बस आपके खाने और एनिमा के बीच में दो-तीन घंटे का अंतर रखें। 

अगर आपकी लाइफ स्टाइल अभी फॉलो करना शुरू कर रहे हैं। दो-तीन हफ्तों तक रोज एक बार लीजिए। तीन हफ्तों के बाद रोज नहीं लेना। सिर्फ हफ्ते में एक बार या जरूरत पड़ने पर लेना है। चिंता ना करें, इसकी आदत नहीं पड़ेगी। अगर आपको सर्दी कफ बुखार उल्टी पेट दर्द कोई भी छोटी बीमारी आती है। इसको दिन में दो से तीन बार लें।

 सफाई का तीसरा स्टेप यानी तीसरा तरीका ठंडीपट्टी। 

कभी-कभी गंदगी हमारे ब्लड में जम जाती है और उसको सर्कुलेट करने का बेस्ट तरीका है ठंडी पट्टी।

 एक सफेद कॉटन का कपड़ा लीजिए। करीब 1 मीटर चौड़ा और ढाई मीटर लंबा इसको लंबी पट्टी में फोल्ड कर ले। करीब 10 इंच चौड़ी।  इसको ठंडे पानी में भिगोकर निचोड़ लें। पानी उतना ही ठंडा होना चाहिए जितना आसानी से सहन कर सकते हैं। पट्टी को पेट के चारों ओर लपेट लें और वह गिरे ना। आपकी नाभि पट्टी के बीच में रहनी चाहिए। 

एक और छोटी पट्टी लें करीब 2 इंच चौड़ी। ठंडे पानी में भिगोकर इसे अपने गले पर हलके लपेट लें।

एक और पट्टी लें और ठंडे पानी में भिगोकर माथे पर लपेट लें।

 आप ही कपड़ा कहीं से भी खरीदकर टेलर से सिल्वा सकते हैं. अब पट्टी के ऊपर अपने कपड़े पहन कर अपना कोई भी काम कर सकते हैं। आपको ऐसे लगा कर एक जगह बैठने की जरूरत नहीं है। इसको करीब 30 से 40 मिनट तक लगाकर रखें। इसको आप दिन में कभी भी लगा सकते हैं। खाने के बाद भी और पहले भी। बस जब ये लगी हो उस टाइम पर कुछ नहीं खाना या पीना है आपको। गर्मियों में आप रोज उसको दो बार करो। एक बार सुबह और एक बार शाम। दो नहीं तो कम से कम एक बार तो करिए। सर्दियों में छोड़ दें। 

जिन पार्ट पर पट्टी लगी है, वह इससे ठंडे हो जाते हैं और बाकी बॉडी गरम। एक समय पर बॉडी में दो तापमान समाहित होते हैं तो ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। ब्लड के साथ-साथ गंदगी भी अपनी जगह छोड़ने लगती है। खाना डाइजेस्ट करने के लिए यह बहुत अच्छी है जिनका पेट निकला है। उनका पेट कम हो जाता है। उसको लगाकर जिनको इनडाइजेशन अल्सर आईपीएस एसिडिटी है, उनका वह सभी कुछ ठीक हो जाता है। कोई भी बीमारी क्यों ना हो। पट्टी को तीनों जगह लगाइए।

ये सब देखने में मामूली सी चीज लगती है। आप सोचेंगे कि टॉक्सिकोलॉजिकल चीज है। अब आपको पता है कि अंदर से टॉक्सिंस बाहर कैसे निकालते हैं। तीनों चीजें स्टार्ट करें। अपने दोस्तो फैमिली के साथ शेयर करें और अगर और भी किसी चीज़ की जानकारी चाहिए कोई भी चीज हो नीचे कमेंट करें हम सटीक जानकारी देने की कोशिश करेंगे सिर्फ़ आपके लिए।गुड बाय हम जल्दी मिलते हैं।  मै आपकी सुबाह जैन।

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